कुछ: कहते हैं भटक रहे हो
कुछ: कहते हैं बेवफा हो गए हो
कुछ: कहते हैं गायब हो गए हो
कुछ: कहते हैं लाचार हो गए हो
इतनी उपमाएं कैसे संभालूं ए दिल
नहीं मालूम 'अंजुम' कहां खो गए हो....
किस को बसा कर आए हो
किस को उजाड़ आए हो
किससे जुदा हो गए हो
किससे मिलने की आस लगाए हो
कौन अपना कौन पराया
किसे दिल से लगाए हो
किसके चमन में अपना
आशियाना बसाये हो
दुनिया के रिवाजों में
अपना गम भुलाए हो...
जय हो.. जय हो... जय हो...ो
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