नया सफर हो रचनात्मक
जीवन के वृहद सफर का
एक पूरा हुआ कालखंड
जिसमें था निहित
संपूर्णता का आधार स्तंभ
अभिभावकों के सक्षम
अनुभवों के संग
अब करनी है फतह
इस जिंदगी की जंग
जीवन के पुष्पित, पल्लवित
होते हैं कई रंग
उन्हें करना है आत्मसात
समृद्ध प्रकृति के मानिंद
एक कुम्हार की मृदा
अब आकार ले चुकी है
ॐ साईंनाथ की सुरभि
साकार हो चली है।
तुम्हें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।
पूरी हो हर कामना, यही हैं दुआएं।।
- अंजू मामा
1 टिप्पणी:
veryyyyyyyyyy nice, ANJU MAMA
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