इस समय नागपुर का मौसम

गुरुवार, 22 जनवरी 2009

जब फूट पड़ा जज्बातों का सैलाब
अगला एपिसोड - कल रात को तो गजब ही हो गया । उनका फ़ोन आ गया। पहले के ५ मिनट तो दोनों तरफ़ से आंसू बहते रहे। आंसू भी ऐसे की थमने का नाम नहीं ले रहे थे। मैं तो हेलो कह भी गया लेकिन उधर से जब पता चला कि फोन पर मैं ही हूं कोई जवाब नहीं आया। अजीब स्थिति थी। अजीब परिस्थिति थी। न बोला गया हमसे, न सुना गया उनसे। अब आप ही बताइये ऐसी स्थिति में क्या किया जाए। तो बात हो रही थी आंसुओं के सैलाब की। ज्यादा बात नहीं हुई। मैं तो कहता रहा कि रोना मत और खुद ही अपने आंसुओं को नहीं रोक पा रहा था। दूसरी तरफ़ से सिर्फ़ एक ही पंक्ति सुनायी दी की मुझे गले लगा लो। अचानक छत पर जाने की इच्छा हुई तो चला गया। छत पे ठंड थी तो थोड़ी राहत मिली और आंसू रुक गए। होश संभालने के बाद मैं ये तीसरी बार फूट-फूट कर रोया हूं। पहली बार तब रोया था जब मेरी बहन शादी के बाद ससुराल के लिए विदा हो रही थी। उसके कार में बैठते ही मैं एकांत में चला गया था और फिर फूट-फूट के रोया था। दुबारा तब रोया था जब मेरी मां नागपुर से बिलासपुर रहने के चली गई। इस बार का रोना जरा लंबा रहा था। पूरे दो दिन और दो रातों तक रोता रहा था। इसके बाद कल रात को रोया। ज्यादा तो नहीं रो पाया क्योंकि मैं नींद की दवा खा चुका था और फोन पर बात करने के बाद मेरा मन काफी हलका हो गया था। लगा जैसे उनकी जुल्फों की घनी छांव का आसरा मिल गया है। उनका ममतामय स्पर्श हो रहा हो। इसी तनाव रहित मुद्रा में मुझ कब निद्रादेवी ने उनके आगोश से निकाल कर अपने आगोश में ले लिया, पता ही नहीं चला। अरे हां, आप तो मेरी उस कसम के बारे में भी जानना चाहते होंगे जो मैंने पिछले ब्लाग में लिखा था। थोडा सस्पेंस और रखूं या राजफाश कर दूं। अच्छा अब कर ही देते हैं हमने अपनी कसम तोड़ दी। यानी उन्हें एक प्यारा सा किन्तु संक्षिप्त ईमेल भेज दिया। अब कहानी का सुखद अंत नहीं हुआ। अब कहानी ने एक नया मोड़ ले लिया है और शुरुआत हुई है एक नई सुखद यात्रा.....
किस्से अभी और भी होंगे, तो पढ़ते रहिए हमारा ब्लाग, पूरा मौलिक है और यह हमारे निजी अनुभवों पर आधारित है..........

3 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

dekha sachcha pyar jyada din tak naraz nahi rahta. dhyan rakhan aage se unhe naraz na kar paao.
best of luck.
kabhi kabhi comments ke reply bhi karane chahiye.5 commnet kiya hai. dekh lo.

बेनामी ने कहा…

s

बेनामी ने कहा…

aap kisi ke pyar ko samjh hi paaonge MR. ANJEEV