मंगल ग्रह पर स्थापित भारतीय उपग्रह मंगल यान, उसे ले जाने वाले रॉकेट पीएसएलवी की प्रतिकृति, इसरो के वैज्ञानिक डा. चौधरी के साथ प्रदर्शनी का एरियल व्यू। |
प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए इसरो के वैज्ञानिक डा. चौधरी, दर्शन हरदास, सुरेश अग्रवाल व अन्य। |
असोसिएशन फॉर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इन बेसिक साइंस एजुकेशन,
नागपुर के विज्ञान प्रचारकों ने भव्य विज्ञान प्रदर्शनी मंगल महोत्सव का आयोजन
किया। वैसे तो यह आयोजन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के सफल मंगलयान
अभियान को अपने अंदाज में मनाने के लिए था, फिर भी आयोजकों की छह माह की प्रदीर्घ
तैयारी ने इसे भव्य बना दिया। चार दिवसीय इस महोत्सवनुमा प्रदर्शनी का लगभग चालीस
स्कूलों के विद्यार्थियों, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों ने शिरकत की। भारतीय
वैज्ञानिकों के मंगल अभियान की महत्वपूर्ण उपलब्धि को मनाने के लिये इस अनूठे
महोत्सव का आयोजन देश भर में पहली बार किया गया। वैज्ञानिक उपलब्धियों को जन-जन तक
पहुंचाने का यह प्रयास मील का पत्थर साबित हुआ।
उद्घाटन अवसर का दृश्य। |
नागपुर महानगर पालिका के संयुक्त तत्वावधान व राष्ट्रीय
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, नई दिल्ली के मार्गदर्शन व सहयोग से आयोजित
इस आयोजन में विश्व भर के अंतरिक्ष अभियानों को सचित्र पोस्टर्स के माध्यम से
प्रदर्शित किया गया। लगभग 200 पोस्टर्स का इस्तेमाल किया गया। सौरमंडल और मंगल
ग्रह की विस्तृत जानकारी भी पोस्टर्स और मॉडल्स द्वारा दी गई। आयोजन की संकल्पना
असोसिएशन के सचिव सुरेश बाबू अग्रवाल की थी। पोस्टर्स को अंतरिक्ष अवलोकन के
इतिहास के बढ़ते क्रम में संयोजित किया गया था। अंतरिक्ष की इस लयात्मक और रोचक
प्रस्तुति का आनंद प्रेक्षकों ने उठाया।
प्रदर्शनी के आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाने वालीं नागपुर महानगर पालिका की शिक्षिकाएं। |
प्रदर्शनी के अनूठेपन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि
यहां पधारे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद (इसरो) के वरिष्ठ वैज्ञानिक और
महाप्रबंधक डॉ. अशोक जोशी ने इसे देश भर में आयोजित करने करने की इच्छा जताई।
युवाओं में तकनीकी शिक्षा के बढ़ते रूझान पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने
शोधपरक वैज्ञानिक शिक्षा की आवश्यकता पर भी बल दिया। महापौर प्रवीण दटके ने
प्रदर्शनी का अवलोकन किया। पार्षद सुनील अग्रवाल की विशेष उपस्थिति रही।
भावी वैज्ञानिक जिया। |
राशिचक्र समझती हुईं छात्राएं। |
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