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रविवार, 16 मार्च 2014

चुनाव चिह्न और पार्टियों का स्वभाव



हमारे देश की तीन बड़ी पार्टियां कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी के चुनाव चिह्नों पर अनायास ही नजर चली गयी। जरा गंभीरता से विचार किया तो पाया कि इन चुनाव चिह्नों का पार्टी के स्वभाव से खासा संबंध था। लगभग हर पार्टी के मामले में यही स्थिति है। फिलहाल चुनाव चिह्नों के स्वभावगुण के आधार पर पार्टियों के व्यक्तित्व, स्वभाव पर प्रकाश डालने का प्रयास किया गया है। इसे ज्योतिष शास्त्र की कौन सी विधा कहेंगे ये तो मालूम नहीं परन्तु किसी को बुरा लगे तो भई बुरा न मानो होली है।

आप और झाड़ू



मैं सफाई का स्वच्छता के लिए इस्तेमाल होता हूं। आम तौर पर लोग मुझे काम निकल जाने के बाद घर के किसी ऐसे कोने में फेंक देते हैं जहां किसी की नजर न पड़े। जब गंदगी सर उठाती है तो फिर मेरी आवश्यकता असंदिग्ध हो जाती है। मैं सफाई के लिए घिसता हूं। मगर बिना नानुकुर के सफाई करता हूं। सफाई का महत्वपूर्ण साधन हूं मैं। कुछ लोगों ने वैक्युम क्लीनर भी खरीदे लेकिन घर की सफाई तो मेरे बिना अधूरी है। मैं कुछ लोगों को रोजगार भी देता हूं परन्तु उन्हें भी समाज में हेय दृष्टि से देखा जाता है (सफाई कर्मी)। सृष्टि में, समाज में मेरी उपयोगिता काफी ज्यादा है। परन्तु यह उसी समय समझ में आती है जब गंदगी अपनी सीमा पार कर लेती है। जातिवाद, प्रांतवाद, परिवारवाद, धर्मवाद, राजनीति, समाज, मानसिकता, घर, सड़क, मैदान हर जगह सफाई करेंगे।

भाजपा और कमल



कमल के समान रहेंगे। हमारे कभीकभार ही दर्शन होंगे। हमारे दर्शन के लिए तालाब या कीचड़ तक पहुंचना होगा। हम मां लक्ष्मी (धन-दौलत) के आसन के रूप में हमेशा आपके दिल और दिमाग में रहेंगे। प्रत्यक्षतः हमारी अधिक उपयोगिता आपके लिए नहीं है मगर हम दिखते सुंदर हैं। प्रकृति के लिए उपयोगी हैं। हम अपनी सुंदरता के लिए जाने जाते हैं। हमसे भरे हुए तलैया देखना काफी मनोहारी होता है क्‍योंकि हम तालाब की ऊपरी सतह पर खिलते हैं। भारत में हमें पवित्र माना जाता है और हमारा पुराणों में भी उल्‍लेख है और हमारे बारे में कई कहावतें और धार्मिक मान्‍यताएं भी हैं। हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्मों में हमारी ख़ासी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता है। इसीलिए हमें भारत का राष्ट्रीय पुष्प होने का गौरव प्राप्त है। ये बात अलग है कि कुछ कमलनुमा दिखने वाले फूलों को फूल बनाकर कमल का दर्जा दे दिया गया है। चूंकि हमारी तरह पानी में खिलने वाले ये फूल आसानी से मिल जाते हैं, इसलिए अब इन्ही का चलन है। लोग इसे ही कमल समझ कर इस्तेमाल में ला रहे हैं।

कांग्रेस का हाथ



मैं हथेली हूं। मुझे हाथ कहा जाता है। मुझे पंजा कहा जाता है। मेरा उपयोग कई मुहावरों, कविताओं में होता है। शरीर मेरे बिना अधूरा है। खाना खाने से लेकर, रिश्वत लेने तक मेरा ही उपयोग किया जाता है। यहां तक कि झाड़ू पकड़ने के लिए मेरा होना जरूरी है। झाड़ू से सफाई के लिए मेरी जरूरत है। अगर मैं ही नहीं रहुंगा तो झाड़ू कैसे लगेगा। मेरे अस्तित्व को अनदेखा नहीं किया जा सकता। मैं ही एकमात्र ऐसा चिह्न हूं जो दो है। एक बायां, एक दायां। कई खेल मैं बाईं ओर से करता हूं तो कई खेल दायीं ओर से। जब जिसकी जरूरत हो, उसका ही इस्तेमाल करता हूं। मुझमें आदमी के भूत, भविष्य और वर्तमान को दर्शाती लकीरें हैं। मैं शक्तिशाली हूं। मेरे बिना मनुष्य (देश) अधूरा है। मैं पांच और पांच यानी दस उंगलियों का मालिक हूं। हर उंगली का आकार अलग है। परन्तु काड़ीबाजी (राजनीति) करने के लिए इनका इस्तेमाल करना मुझे बखूबी आता है। अगर किसी ने मेरी शान में गुस्ताखी की तो उसे रैपट मारने (झापड़ मारने) का काम भी मेरा है।

(बिना अपनी टिप्पणी के)





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