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शुक्रवार, 2 जुलाई 2010

अब तक का मानसून का हाल अच्छा

कृषि आधारित अर्थ व्यवस्था के लिए यह अच्छी खबर है कि महाराष्ट्र में इस साल मानसून पूरे जोश के साथ सक्रिय हुआ. जून माह में पिछले साल की तुलना में दोगुनी बारिश हुई जो राज्य के सामान्य औसत के मात्र दो फीसदी कम अर्थात ९८.२ प्रतिशत रही. राज्य में सबसे कम बारिश मराठवा‹डा के नांदे‹ड और परभणी जिले में हुई. विदर्भ में माह के अंतिम दो सप्ताह में अच्छी बारिश हुई. मध्य व पश्चिम महाराष्ट्र में पूरे महीने मेघ जमकर बरसते रहे.
राज्य में अब तक औसतन २१८.१ मिमी बारिश हो चुकी है जो सामान्य (२२२.१) की ९८.२ फीसदी है. पिछले साल हालात खराब थे. जून २००९ में मात्र १०१.४ मिमी बारिश ही हुई थी जो सामान्य की ४५.६ फीसदी थी.
इस साल मानसून ने शुरुआती आंखमिचौली के बाद अपनी कृपा बनाए रखी. चक्रवाती तूफान लैला के कारण समय पूर्व आने की मानसून की भविष्यवाणी हालांकि गलत साबित हुई लेकिन कुछ देर से ही सही मगर मानसून पूरी शिद्दत के साथ राज्य में सक्रिय हुआ. औसत के आधार पर राज्य में मानसून का प्रवेश ५ से १० जून के बीच होता है. १० जून तक मुंबई और मराठवा‹डा के बाद १२ से १५ जून के बीच इसे सम्पूर्ण राज्य में सक्रिय हो जाना चाहिए. इस साल लैला के कारण मानसून शुरुआती दौर में शिथिल प‹ड गया था और इसने थो‹डा विलंब यानी १० जून को राज्य की सीमा में प्रवेश किया. मराठवा‹डा के बाद फिर एक बार फिर मानसून शिथिल प‹डा और विदर्भ में लगभग एक सप्ताह की देरी से माह के तीसरे सप्ताह पहुंचा. लेकिन इसके बाद बारिश ने विदर्भ में पूरे महीने की कसर निकाल ली.
ठाणे, रत्नागिरी, qसधुदुर्ग, पुणे, अहमदनगर जिले में तो कमोबेश रोज ही बारिश ने अपनी उपिस्थिति दर्ज कराई. ठाणे में ९१.१, रत्नागिरी में १०५.३, qसधुदुर्ग में ११०.२, नासिक ११९.२, अहमदनगर १६६.७, पुणे १५१.५, सोलापुर १४३.१ प्रश बारिश हुई जो सामान्य से अधिक रही. सिर्फ नांदे‹ड और परभणी जिलों में सामान्य से काफी कम क्रमशः ५०.५ व ५५.६ फीसदी बारिश दर्ज की गई. अपेक्षा के विपरीत ग‹डचिरोली जिले में भी मात्र ६७.७ फीसदी बारिश हुई. इन जिलों के अलावा विदर्भ व मराठवा‹डा में भी एक पखवा‹डे के बाद मेघों ने अपनी कृपा बनाई. मराठवा‹डा के औरंगाबाद और बी‹ड जिलों में क्रमशः १३४.२ और ११३.४ फीसदी वर्षा रिकार्ड की गई. विदर्भ में सबसे अधिक मेहरबानी बुलढाना और वाशिम जिलों में हुई जहां का औसत क्रमशः १२१.९ व ११९.१ प्रतिशत रहा. मराठवा‹डा के लिए यह सुकून की बात रही कि नासिक में वरुण देवता का आशीर्वाद अब तक बना हुआ है. यहां सामान्य से अधिक ११९.२ फीसदी बारिश हुई है. नासिक में औसतन १५४.२ मिमी बारिश होनी चाहिए लेकिन इस साल अब तक १८४.१ मिमी बारिश हो चुकी है. शेष महाराष्ट्र में जलगांव को ही बारिश के लिए तरसना प‹डा. यहां सामान्य की अपेक्षा सिर्फ ६९.४ और नंदुरबार में ७३.४ फीसदी बारिश हुई. सातारा में सामान्य से दोगुनी २०४ फीसदी बारिश हुई. राज्य के अन्य हिस्सों में सामान्य के आसपास ही बारिश दर्ज की गई.

सिर्फ छह जिलों में कम वर्षाराज्य के सिर्फ चार जिलों परभणी, नांदे‹ड, जलगांव, नंदुरबार, ग‹डचिरोली व चंद्रपुर में सामान्य से कम बारिश हुई. विदर्भ, मराठवा‹डा में मानसून सामान्य रहा जबकि शेष महाराष्ट्र में मेघ जम कर बरसे. नांदे‹ड में मात्र ५०.५, परभणी में ५५.६, जलगांव में ६९.४, नंदुरबार ७३.४, ग‹डचिरोली ६७.७ और चंद्रपुर में ७५.६ फीसदी बारिश दर्ज की गई.

1 टिप्पणी:

36solutions ने कहा…

छत्‍तीसगढ़ में किसानों अच्‍छे बारिश का इंतजार कर रहे है.