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रविवार, 5 फ़रवरी 2012

पंजाबी संगीत की दुनिया में नया सितारा ‘बाबा हनी’

 
हिंदुस्तान में हर मौसम में, हर धर्म में और हर त्यौहार और हर समय के लिए हम भारतीयों के लिए संगीत का महत्व बहुत है। चाहे जन्मदिन हो, चाहे शादी हो, चाहे बिदाई हो या चाहे सुखदुख हो हर वक्त के लिए कोई ना कोई संगीत बजते ही रहता है। संगीत की कोई भाषा नहीं होती, संगीत का कोई मालिक नहीं होता, या संगीत का कोई समय नहीं होता, जिसे संगीत का शौक हो उसकी कोई उम्र भी तय नहीं होती और खास कर तो हमारे इस भारत देश में मुगल सरकार के समय भी उनके दरबार में जो नवरत्न थे उसमें अकबर बादशाह ने संगीत रत्न तानसेन को भी शामिल कर लिया था। जैसा कि हमने ऊपर लिखा है कि संगीत का समय, उम्र नहीं होती और आज तो जबसे छोटे परदे की दुनिया छा गई है तो इसने साबित कर दिया है कि हिंदुस्तान में सैकड़ो नहीं, हजारो नहीं बल्कि लाखों ऐसे प्रतिभाशाली, गुणी और महत्वाकांक्षी गायक और संगीतकार है जो अपनी प्रतिभा के बलबूते दुनिया पर छा जाना चाहते हैं। इन्हीं लाखों की भीड़ में एक गीतकार-गायक-संगीतकार का उदय हुआ है हिमाचल के हमीरपुर शहर से जिसका नाम है बाबा हनी।
    
हाल ही में इस प्रतिभाशाली संगीतकार और गायक बाबा हनी से हमारी मुलाकात बॉलीवुड के जाने-माने फिल्म प्रचारक राजू कारीया ने उनके अंधेरी स्थित घर पर करवाई। जब हम उनके घर पहुंचे और जब हम बाबा हनी से मिले और उन्होंने अपना अलबम पंजाबी बल्ले के उनके द्वारा संगीतबद्ध और गाए हुए छह गाने हमें सुनाए तो हम चकित रह गए कि इस युवक में कितनी प्रतिभा, कितना योग्यता है। उन्होंने छह में से एक गाने का म्यूजिक वीडियो भी बनाया है, वह भी उन्होंने हमें दिखाया तो हमें लगा कि यह युवक वाकई प्रतिभाशाली है। तभी अचानक उनकी माताजी कविशा कौशल जो इस अलबम की निर्मात्री भी है, आ गई।
 
जब हमने उनसे इस अलबम के निर्माण के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि, हम हिमाचल के एक छोटे से कस्बे हमीरपुर के रहने वाले हैं। मैंने मेरे बेटे बाबा को बचपन से ही नाचते और गाते देखा है। मेरे बेटे का मन हमेशा पढ़ाई-लिखाई के बजाय संगीत की ओर ज्यादा था और मैंने भी जब उसके शौक को देखा तो मैं भी उसके गानों से प्रभावित हो गई और मैंने उसको सहयोग देना शुरु कर दिया। कहते हैं ना पूत के पैर पालने में नजर आते हैं, मेरे बच्चों के साथ मुझे यही महसूस हुआ। मेरे दोनों बच्चे बाबा हनी और बेटी रिषिका का ग्लैमर की दुनिया में आने का शौक अपने भाई की तरह ही देखा तो मैं अपने इन दोनों बच्चों को लेकर ७ साल पहले मुंबई आ गई। मुंबई आने के बाद मेरे बेटे और बेटी ने वह सारी तालीम हासिल कर ली जिनकी उन्हें आवश्यकता थी। आज मेरी बेटी मॉडेलिंग की दुनिया में छाई हुई हैं और बेटे ने संगीत की वह सारी तालीम हासिल कर ली जिसके उसे जरूरत थी और उसके बाद उसका अलबम बल्ले पंजाबीज लेकर हम दर्शकों के सामने आ रहे हैं।
 
     जब बाबा हनी से हमने पूछा कि अब भविष्य में क्या करने का विचार है तो बाबा हनी ने हंसते हुए जबाव दिया कि हम दोनों भाई-बहन को अपनी मां के वह सारे सपने पूरे करने हैं जो उन्होंने हमारे लिए देखे हैं। हमने अपने होम प्रोडक्शन कंपनी भी लांच कर ली है और जिसका नाम है कविश्वा एंटरटेनमेंट। इस बैनर तले हमने अपने नए म्यूजिक अलबम बल्ले पंजाबीज का निर्माण किया है जिसके छह गाने जिसे मैंने ही गाए हैं और मैंने ही संगीत दिया है। इसमें से एक गाने का वीडियो भी हमने तैयार कर लिया है जिसमें मैंने अपनी बहन रिषिका के साथ काम किया है। हम दोनों के अलावा सैकड़ों मॉडेल्स ने भी हमारे साथ इस इस म्यूजिक वीडियो में काम किया है।
इस म्यूजिक वीडियो के नृत्य निर्देशक है राजू वर्गिस। फिल्मी दुनिया के जाने माने और बड़ी फिल्मों के छायाकार दामोदर नायडू भी इस म्यूजिक वीडियो में हमारा साथ दे रहे हैं। हमारे इस वीडियो के निर्देशक हैं काजल नासकर। हमारा यह म्यूजिक अलबम इंटरनेशनल पंजाबी गाने जैसा है जिसे विदेश के पंजाबी लोग बहुत पसंद करेंगे। क्योंकि इस अलबम को हमने इंटरनेशनल लुक दिया है। म्यूजिक वीडियो बनाने के लिए हमने कोई कमी नहीं बरती। खर्च की परवाह नहीं की क्योंकि यह हमारा पहला प्रयास है और कहते हैं ना फर्स्ट इम्प्रेशन इज लास्ट इम्प्रेशन होता है, हम भी हमारे इस पहले अलबम से संगीत प्रेमियों को बता देंगे कि हम भी किसी से कम नहीं है। हमारा यह अलबम अगले महीने पूरी दुनिया में इंटरनेट के माध्यम से रिलीज किया जाएगा। हमें अपने संगीत और संगीतप्रेमियों पर पूरा भरोसा है कि उनके यह हमारा पहला प्रयास बहुत अच्छा लगेगा।
 
     हाल ही में हमने पंजाब के द किंग सिंगर मिका को यह गाने सुनाए तो उन्होंने भी इसकी दिल खोल कर हमारे गानों की प्रशंसा की। हनी बाबा ने बताया कि मेरा प्रेरणास्थान, मेरे गुरु आदरणीय मिका जी है जिनको दूर दूर से देख कर और सुन सन कर मैंने भी संगीत की दुनिया में कदम रखा और आज मेरा यह प्रयास सफल हुआ है और मेरा संगीत का यह प्रथम पुष्प मैं मेरे गुरु मिका को अर्पित करता हूं क्योंकि वह मेरे द्रोणाचार्य हैं और मैं उनका एकलव्य।

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