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सोमवार, 27 सितंबर 2010

तेरे दिल की बात मैं जानूं

तेरे दिल की बात मैं जानूं

यकीन मानिए सच ही है ये

लंदन. कई साल पहले एक विज्ञापन आया था, जिसमें एक पत्नी अपने पति से कहती थी, तेरे दिल की बात मैं जानूं. पत्नी की पति से कही ये पंक्तियां अगर आपको झूठ लगती हों तो एक बार फिर सोच लीजिए.

अब तो वैज्ञानिकों ने भी साबित कर दिया है कि पति और पत्नी के दिल को दिल से राह होती है और दोनों एक-दूसरे के दिल की बात पहले से जान जाते हैं.

सिडनी यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोेलॉजी के वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि कुछ जोड़ों के मस्तिष्क एक-दूसरे के साथ तारतम्यता में काम करने लगते हैं और उनके तंत्रिका तंत्र के कई भाग एक-दूसरे के साथ सामंजस्य बिठा लेते हैं.

वैज्ञानिकों ने इसके लिए 30 लोगों के मस्तिष्क और दिल की धडक़न का अध्ययन किया. उन्होंने पाया कि जो जोड़े मानसिक तौर पर एक-दूसरे के बहुत करीब थे, bhale ही शारीरिक तौर पर उन्हें दूर रखा गया हो, उनके मस्तिष्क की गतिविधियों में एकरूपता थी."

डेली मेल की खबर में कहा गया है कि इसका मतलब ये है कि वे ऐसी स्थिति में पहुंच चुके थे, जिसमें दोनों के तंत्रिका तंत्र बिल्कुल एक-तरह से काम करते थे और दोनों बिना बोले ही एक दूसरी की भावनाएं और विचार जान जाते थे.

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