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गुरुवार, 20 दिसंबर 2012

सही है २१ दिसंबर की भविष्यवाणी


पुनर्जन्म, समग्र, सकारात्मक बदलाव

ज्योतिषी 2009 की शुरुआत में ही अभूतपूर्व आकाश कहानियों (ग्रहों और तारों के बीच संबंधों) के नए सकेतों से चमत्कृत रहे हैं. अधिकांश, नहीं तो ज्यादातर इससे सहमत हैं। यह नये संकेत द्योतक हैं नयी शुरुआत के। यह समझना जरूरी है कि यह संकेत विनाश का नहीं बल्कि नये जन्म का सूचक है। ग्रह, नक्षत्र बताते हैं कि 2009 और 2015 के बीच की अवधि एक अत्यधिक महत्वपूर्ण संक्रमण काल ​है। दुनिया में मानवता, मानव धर्म की स्थापना का यह प्रतीक माना जा रहा है।  मायन कैलेंडर के अनुसार २०२३ तक का नया चक्र नये रूप में शुरू हो रहा है। यह कालखण्ड प्रसव काल की तरह होगा जो तकलीफ भी देखा लेकिन उससे अधिक संतुलित जीवन, नये जन्म का रोमांच भी पैदा करेगा।
इस दौरान सरकारों का पतन तो होगा लेकिन इसके पूर्व होगा नये मानवतावादी जनता के लोकतंत्र का उदय। जलवायु परिवर्तन का असर हमारे मौसम पर पड़ेगा। देश की वित्तीय प्रणाली भी डगमगाने की सम्भावना है। यह परिर्तन वैसे गत दो-तीन वर्षों में दिखे हैं। हममें से कई लोगों ने यह परिवर्त महसूस किया होगा। मैंने तो व्यक्तिगत स्तर पर किया है। तकलीफ है लेकिन मीठा-मीठा दर्द सा है। इस दर्द मे आनंद है, भीतर का आनन्द यानी परमानन्द। ज्योतिष कहते हैं मकर, वृश्चिक, मेष और तुला राशि वाले इन ऊर्जा के केंद्र में हैं। हमें नये रिश्ते, कैरियर की नई सम्भावनाओं, जीवन शैली में सकारात्मक बदलाव को इंगित करती है। एक बात पक्की है कि इस परिवर्तन के बाद अंत एक अद्भुत नए जीवन के रूप मे होगा।
इतिहास गवाह है कि जब भी समग्र परिवर्तन का संक्रमण काल आता है, वह बहुत ज्यादा तकलीफ देता है। प्रसव के समय तो यह कष्ट चरम पर होता है। मगर यह मानसिक तौर पर, आंतरिक तौर पर आनन्द देने वाला भी होता है। स्वतंत्रता संग्राम हो या अन्य कोई क्रांति, अगर नीयत मे खोट नहीं है तो नियति भी अच्छी होती है। यही स्थिति इस समय है। तो आप भी तैयार हो जाइये नये बदलाव के लिये।